विचार :-
मुझे एक बात समझ नहीं आती की जब हमें अपने कर्मो का ही फल मिलना होता है तो ये नव ग्रह और नक्षत्र कहा से आ जाते है क्यों लोग ग्रह को शांत करने के चक्कर में पड़े रहते है !
क्या आपने कभी भी इनके प्रभाव को महसूस किया है अगर आपका जवाब हां है तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे है क्योकि वो प्रभाव आपके कर्मो के कारण है ना की इन ग्रह और नक्षत्र के कारण.........!!!!
तो श्रेणिक जैन तो आपसे सिर्फ इतना कहना चाहता है की ये ग्रह नक्षत्र को छोडकर अपने णमोकार महामंत्र और अपने प्रभु पर भरोसा करेगे तो ये आपका कुछ नहीं कर पायेगे, आप खुद ही सोचिये की क्या कभी ग्रह या नक्षत्र किसी सच्चे संत महात्मा या सच्चे महाराज जी का कुछ बिगाड़ पाया है...???? नहीं, यहाँ तक की ये कभी किसी सच्चे भक्त का भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते..............
श्रेणिक जैन......
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की .............
मुझे एक बात समझ नहीं आती की जब हमें अपने कर्मो का ही फल मिलना होता है तो ये नव ग्रह और नक्षत्र कहा से आ जाते है क्यों लोग ग्रह को शांत करने के चक्कर में पड़े रहते है !
क्या आपने कभी भी इनके प्रभाव को महसूस किया है अगर आपका जवाब हां है तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे है क्योकि वो प्रभाव आपके कर्मो के कारण है ना की इन ग्रह और नक्षत्र के कारण.........!!!!
तो श्रेणिक जैन तो आपसे सिर्फ इतना कहना चाहता है की ये ग्रह नक्षत्र को छोडकर अपने णमोकार महामंत्र और अपने प्रभु पर भरोसा करेगे तो ये आपका कुछ नहीं कर पायेगे, आप खुद ही सोचिये की क्या कभी ग्रह या नक्षत्र किसी सच्चे संत महात्मा या सच्चे महाराज जी का कुछ बिगाड़ पाया है...???? नहीं, यहाँ तक की ये कभी किसी सच्चे भक्त का भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते..............
श्रेणिक जैन......
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की .............
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