मुक्तक :-
आज का इंसान कषाय में किस तरह फस रहा है और उनसे निकलने का आसान मार्ग क्या है ये इस मुक्तक के माध्यम से बता रहा हू !
आज प्राणी गृह जाल में फसते जा रहे है ,
कषाय की पाश में कसते जा रहे है !
कैसे होगा हमारा सत् धर्म में प्रवेश ,
पूजन, भक्ति और धर्म से हम बचते जा रहे है !!४!!
आज का इंसान कषाय में किस तरह फस रहा है और उनसे निकलने का आसान मार्ग क्या है ये इस मुक्तक के माध्यम से बता रहा हू !
आज प्राणी गृह जाल में फसते जा रहे है ,
कषाय की पाश में कसते जा रहे है !
कैसे होगा हमारा सत् धर्म में प्रवेश ,
पूजन, भक्ति और धर्म से हम बचते जा रहे है !!४!!
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