Sunday 19 February 2012

जीवन का सच मुक्तक (6)

पता नहीं किसका कब क्या हो जाये ,
पता नहीं कब कौन विदा हो जाये !
समय रहते ही सँभलने की कोशिश करे ,
पता नहीं कब जिंदगी की शाम ढल जाये !!6!!

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