Sunday 19 February 2012

मैं ( औरत ) कैद हू......

मैं कैद हू
औरत की परिभाषा में !

मैं कैद हू
अपने ही बनाये रिश्तों और
संबंधो की मकडजाल में !

मैं कैद हू
कोख की बंद कियारी में !

मैं कैद हू
माँ के अपनत्व में !

मैं कैद हू
पति के निजत्व में !

मैं कैद हू
अपने ही स्वामित्व में !

और
मैं कैद हू अपने ही में !

No comments:

Post a Comment