Monday 20 February 2012

माँसाहार और आपकी प्रवर्ति

विचार :-
अपने भोजन के लिए तुम किसी और जीव को मार कर खाते हो क्या ये सही है जब प्रभु ने हमारे खाने के लिए और विकल्प दिए है तो फिर क्यों हम माँसाहार अपनाये !
अरे ये तो जानवरों का काम है अपनी भूख शांत करने के लिए दूसरे जीव ( जिसकी कोई गलती भी नहीं ) ऐसे जीव को मार कर खाना तो क्यों ऐसे निर्दोष पशु को मार के खाते हो !
जानवर मत बनो इंसान बनो अरे उन मुर्दों को खा कर अपने आपको बहादुर मत समझो, तुम तो वो कायर हो जो अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए किसी की भी हत्या कर सकता है !
श्रेणिक जैन.................
ओम् नमः उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा 

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