विचार :-
मेरे हिसाब से इंसान का नजरिया ही सब कुछ होता है वो किस तरह से चीजों को देखता है ये सबसे जरुरी है क्योकि वो जिस तरह से चीजों को देखता है वो उसी तरह से चीजों को समझता है !
जिस प्रकार एक गिलास जिसमे आधे तक पानी भरा है अगर उसे किसी को दिखा कर पूछा जाये तो कोई कहेगा की गिलास आधा भरा है और कोई कहेगा गिलास आधा खाली है बस फर्क नज़रिए का है !
इसीलिए श्रेणिक जैन आपसे कहना चाहता है की अगर आप अच्छा देखोगे तो अच्छा दिखेगा और परेशानी को हल करने के अवसर दिखेगे !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की
मेरे हिसाब से इंसान का नजरिया ही सब कुछ होता है वो किस तरह से चीजों को देखता है ये सबसे जरुरी है क्योकि वो जिस तरह से चीजों को देखता है वो उसी तरह से चीजों को समझता है !
जिस प्रकार एक गिलास जिसमे आधे तक पानी भरा है अगर उसे किसी को दिखा कर पूछा जाये तो कोई कहेगा की गिलास आधा भरा है और कोई कहेगा गिलास आधा खाली है बस फर्क नज़रिए का है !
इसीलिए श्रेणिक जैन आपसे कहना चाहता है की अगर आप अच्छा देखोगे तो अच्छा दिखेगा और परेशानी को हल करने के अवसर दिखेगे !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की
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