Friday 17 February 2012

महाराज जी की वाणी मुक्तक (५)

आज महाराज जी के मुख कमल से निकला एक मुक्तक आपके सामने रख रहा हू :-
यह बहुत अच्छा हुआ दुनिया से बेवफाई हो गयी ,
सब   रिश्तों   व   नातो   की   सफाई   हो   गयी !
खून  के  रिश्ते  मात्र  खून  चूसने   के   लिए   है,
खून   के   व्यापार   में   दुनिया   कसाई   हो  गयी !!५!! 

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