आज महाराज जी के मुख कमल से निकला एक मुक्तक आपके सामने रख रहा हू :-
यह बहुत अच्छा हुआ दुनिया से बेवफाई हो गयी ,
सब रिश्तों व नातो की सफाई हो गयी !
खून के रिश्ते मात्र खून चूसने के लिए है,
खून के व्यापार में दुनिया कसाई हो गयी !!५!!
यह बहुत अच्छा हुआ दुनिया से बेवफाई हो गयी ,
सब रिश्तों व नातो की सफाई हो गयी !
खून के रिश्ते मात्र खून चूसने के लिए है,
खून के व्यापार में दुनिया कसाई हो गयी !!५!!
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