आज का विचार श्रेणिक जैन की कलम से :-
जो मनुष्य अपमान में जीना सीख लेता है वही मनुष्य वास्तव में सम्मान को पचा सकता है !
आज कल लोगो अमीर और सम्मानित व्यक्तियों को ही श्रेष्ठ कहने और समझने लगे है लेकिन श्रेष्ठ वह नहीं जो सम्मान में समता रखता है बल्कि असली श्रेष्ठ व्यक्ति तो वह है जो अपमान में भी समता रखता है !!!!!
श्रेणिक जैन..........
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की
जो मनुष्य अपमान में जीना सीख लेता है वही मनुष्य वास्तव में सम्मान को पचा सकता है !
आज कल लोगो अमीर और सम्मानित व्यक्तियों को ही श्रेष्ठ कहने और समझने लगे है लेकिन श्रेष्ठ वह नहीं जो सम्मान में समता रखता है बल्कि असली श्रेष्ठ व्यक्ति तो वह है जो अपमान में भी समता रखता है !!!!!
श्रेणिक जैन..........
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की
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