Friday 24 February 2012

दुःख क्यों ?

विचार :-
मेरे विचार से आदमी के दुखी होने का मुख्य कारण सिर्फ इंसान का दुःख ही नहीं बल्कि उसके दुःख का एक मुख्य कारण किसी और सुख भी है !
इंसान अपने दुःख से ज्यादा दूसरों के सुख से दुखी है उसे दुःख इस बात का नहीं की उसके पास दुःख है बल्कि इस बात का दुःख है की उसके पडोसी सुखी क्यों है ????
श्रेणिक जैन का आपसे सिर्फ यही अनुरोध है कि अभाव की जिंदगी जीने की बजाये या हर वक्त अभाव का रोना रोने के बजाये सदभाव की जिंदगी जीना ज्यादा अच्छा है ! जितना है उसी को प्रभु की रजा समझ के स्वीकार करे अरे उनके बारे में तो सोचे जिनके पास इतना भी नहीं है !
श्रेणिक जैन................
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा 

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