Monday 27 February 2012

पात्र और कुपात्र

विचार :-
देखिये ना पात्र और कुपात्र में कितना फर्क है , जहाँ एक और गाय जिसे सब माता की संज्ञा देते है खाती तो घास है लेकिन घास खाकर भी देती दूध ही है
वही दूसरी और एक साप नाम का जीव भी होता है जो पीता तो है दूध लेकिन दूध पीने के बाद भी वो उगलता जहर ही है
श्रेणिक जैन.......
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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