Wednesday 8 February 2012

सुख और दुःख

आज के इस भौतिक युग की बात करना चाहता हू की आज इंसान सुख और दुःख किसे कहता है ?
आज के इस युग में इंसान आवश्यकताओं की पूर्ति को सुख और दुःख को अवश्यकताओ के अभाव से जोड़ने लगा है, लेकिन क्या आपको लगता है वास्तव में वही सच्चा सुख है या सच्चा दुःख है ?
तो मेरा जवाब ये होगा की सच्चा सुख दूसरों को खुश रखने से मिलता है लेकिन आज कल तो लोग दूसरों को दुखी करके खुश होते है !!!!!
क्या आज की मानवता हमें यही सिखाती है की दूसरों को दुःख में खुश और दूसरों की खुशी में दुखी हो जाओ ? जान बुझ कर कुछ ऐसे काम करो जिससे हमें फ़ायदा हो या ना हो लेकिन दूसरे को नुक्सान जरुर होता है !
क्या यही है सच्ची मानवता .......????????
श्रेणिक जैन..........
ओम् नमः सबको क्षमा सबसे क्षमा
पाप क्षय पुण्य जमा 

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