Saturday 11 February 2012

कठिनइयो की सत्यता

आज का विचार श्रेणिक जैन की कलम से :-
मै आज सबको अपने मन की बात बता रहा हू इसका किसी से कोई मतलब नहीं है !
कितना अजीब लगता है मुझे जब लोग छोटी छोटी खुशियों को ही अपनी जीत मान लेते है जो हमें कुछ छोटे मोटी कठिनाइयों के बाद मिल जाती है और उन छोटी खुशियों के आने पर ही बड़े बड़े जश्न मनाने लगते है लेकिन कोई भी ये गौर नहीं करता की उन छोटी कठिनाइयों के बाद एक बड़ी कठिनाई हमारे उन जश्न में रमने का इन्तज़ार कर रही होती है जिसके लिए हम तैयार नहीं हो पाते क्योकि हम खुशिया बनाने में व्यस्त थे !
मेरा मानना है की हमें छोटी खुशियों को मनाना चाहिए लेकिन उन छोटी खुशियों के आड में आने वाली बड़ी कठिनाइयों के लिए हमेसा तैयार रहना चाहिए क्योकि बड़ी कठिनाई हमेसा बड़े Challenge लेके आता है जो बहुत कुछ सिखाता है !
श्रेणिक जैन 
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
जय जिनेन्द्र देव की 

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