Saturday 3 March 2012

आज़ाद देश कैसा है ? कविता (३)

देश आज़ाद हो  गया  जाने  मेरी  जबानी !
क्या सच आज़ाद हो गया सुनिए कहानी !!
     
       आतंकवाद... खून  की  बोछार देखिये
       नेताओ का अपने देश से प्यार देखिये
       कश्मीर   से   अलगाव   देखिये   और
       जनता    की    चीख    पुकार    देखिये

बापू   के  नाम  पर  झूठ  बोलते  जानी
देश आज़ाद हो गया सुनिए मेरी जबानी
   
      भूखमरी  है   देश   में  फैली तो क्या हुआ
       सोने से भरी उनकी तिजोरी तो क्या हुआ
       झोपडी   है   रोती  सिसकती तो क्या हुआ
       बंगले में कैद देश की  हस्ती तो क्या हुआ

गोरे  गए  अब  कालो  की है  ये  कहानी
देश आज़ाद हो गया सुनिए मेरी जबानी

        देखो चोर माफिया आज़ाद है यहाँ
        भेडियो  के  झुंड ही आबाद है यहाँ
        कैद  हुवे  वो  जो  बचाते  लाज  है
        आज़ाद घूम रहे लाज  बेचने वाले

गद्दारों   के   गद्दारी  की   है   ये   कहानी
देश आज़ाद हो गया सुनिए मेरी जबानी 

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