Tuesday 20 March 2012

आस्था और भावना

विचार :-
मेरे विचार से भारत का इतना नुक्सान शायद मुगलों और अंग्रेजो ने नहीं किया जितना अंग्रेजो और बाकि के देशो की दी गयी सौगात ये पाश्चात्य संस्कृति हमारी आस्थाओ और भावनाओ से खिलवाड़ कर रही है , क्योकि मुग़ल यदि एक मंदिर तोड़ते थे तो हमारी आस्था सौ नए मंदिर बना लेती थी लेकिन जब ये सभ्यता हमारी आस्था, भावना और विश्वास ही तोड़ देगी तो हमारे बने हुए मंदिर भी टूट जायेगे तो हमे कोई फर्क नहीं पड़ेगा !
एक बात हमेसा ध्यान रखना की आस्था और भावना की जो शक्ति हमारे पास है वो अन्यत्र किसी भी देश के पास नहीं है क्योकि यदि एक मंदिर टूटेगा तो यही आस्था सौ नए मंदिर बना देगी वर्ना तो बने हुवे मंदिर भी टूटने में वक्त नहीं लगेगा !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा 

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