Friday 9 March 2012

णमोकार मंत्र महामत्र क्यों ?

विचार :-
णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहूणं

णमोकार मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसकी गहराई मापने के लिए सारे समुन्द्र की स्याही बना लें और आकाश को कागज़ बना ले और तब इसकी गहराई लिखे तब भी नहीं लिख सकते इतना विशाल है अपना णमोकार महामंत्र !
णमोकार मंत्र को महामत्र इसीलिए कहा जाता है क्योकि इसके बारे में प्रचलित है की ये मंत्र 14 पूर्वो का सार है और विश्व की सारी शाब्दिक विशिष्टता, ज्ञान राशि इन्ही 14 पूर्वो में समां सकती है और इस अकेले मंत्र से 84,00,000 मंत्रो की उत्पत्ति हुई है इसीलिए इसे महामंत्र कहा गया है !
और इसे महामंत्र कहने के पीछे एक महत्वपूर्ण वजह ये भी है कि इस मंत्र में किसी से भी कोई इच्छा नहीं की गयी है ना ही किसी से कुछ कामना की गयी है बस निस्वार्थ भाव से सबको नमस्कार किया गया है !

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