Saturday 17 March 2012

घर के झगडे और उन पर राय

विचार :-
अपने अनुभवों और घर के प्रत्यक्ष प्रमाण से एक बात मैंने सीखी है की कभी भी बच्चो के झगडो में बडो को और सास बहु के झगडो में बाप बेटे को नहीं बोलना चाहिए !
संभव है की दिन में बच्चो में या सास -बहु में कुछ कहा सुनी हो जाये और ये बात वो आपसे(बाप- बेटे से ) कहे ! उनके पतियों को उनकी बात सुननी जरुर चाहिए लेकिन किसी भी बात को लेकर कहा सुनी नहीं करनी चाहिए बस सहानुभूति दिखाए !
और अगली सुबह "आगे पाठ -पीछे सपाट " वाली निति अपनानी चाहिए तभी घर की एकता कायम हो सकेगी क्योकि छोटे बच्चे और सास-बहु बहुत जल्दी ही सब कुछ भूल कर दुबारा एक हो जाती है लेकिन अगर घर में कलह कलेश हो गया वो उतनी जल्दी ठीक नहीं होता !
श्रेणिक जैन 

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