Sunday 18 March 2012

इंसान जीता जागता उदाहरण

विचार :-
आज मै आपको ऐसे ही एक और आदर्श किसान के बारे में बता रहा हू ! झारखंड के किसान श्यामल चैधरी की है, जिन्होंने अकेले ही अपने अथक प्रयास से तालाब का निर्माण कर डाला और गांव के खेतों के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध करा दिया। दुमका जिला स्थित जरमुंडी ब्लाक के विशुनपुर-कुरूआ गांव के श्यामल चैधरी आज क्षेत्र के किसानों के लिए आदर्श बन चुके हैं। सौ गुणा सौ की लंबाई तथा 22 फीट गहरे इस तालाब को खोदने का काम उन्होंने 14 वर्ष में पूरा कर डाला।
65 वर्षीय इस जुझारू किसान को यह विचार उस समय आया, जब उन्होंने अधिकारियों से अपनी जमीन पर पटवन के लिए एक तालाब की मांग की थी, जो उन्हें नहीं मिला। फिर क्या था, प्रतिदिन दो चैका मिट्टी काटकर अकेले ही तालाब का निर्माण कर दिया। यह काम उन्होंने वर्ष 1997 में शुरू किया था और 2011 में पूर्ण किया। आठवीं पास श्यामल के निर्णय पर शुरू में लोग मजाक उड़ाया करते थे, उन्हें ताना देते थे, ऐसे कई अवसर आए जब उनके हौसले को तोड़ने की कोशिश की गई, कई बार स्वास्थ्य ने भी साथ छोड़ा और वह गंभीर रूप से बीमार हुए लेकिन यह स्वाभिमानी किसान अपनी धुन में लगा रहा, बिना किसी बात की परवाह किये। आखिरकार चुनौती ने भी अपने हथियार डाल दिए और उनके संकल्प की जीत हुई। इस उम्र में जबकि इंसान अपनी सेहत के आगे बेबस होने लगता है, जब उसके हाथ-पैर उसके काबू में नहीं रहते हैं, उसके लिए घर की चारपाई ही एकमात्र सहारा होती है, ऐसी उम्र में श्यामल चैधरी ने तालाब खोदकर नई पीढ़ी को भी संदेश दे दिया। तालाब के पानी का उपयोग वह जहां अपने खेतों में सिंचाई के लिए करते हैं वहीं दूसरों को भी इसका उपयोग करने की इन्होंने इजाजत दे रखी है। आज न सिर्फ विशुनपुर-कुरूआ बल्कि पेटसार, मरगादी, बेलटिकरी और बैगनथरा सहित कई गांवों के किसान उन्हीं के निर्मित तालाब के पानी से सिंचाई कर अपने खेतों को लहलहा रहे हैं।((एक ग्रुप से पढ़ी खबर ))

No comments:

Post a Comment