विचार :-
मेरे विचार से इंसान का अपना अच्छा आचरण और अपने अच्छे काम जो उसे अच्छे लक्ष्य की तरफ बढ़ाते है उन्हें किसी के भी कहने से अपने उस स्वाभाव को नहीं छोडना चाहिए, हो सकता है इस कार्य में लोगो की गलत धारणा बन जाये लेकिन फिर भी आपको अपना सद्-विचार कभी भी नहीं त्यागना चाहिए !
जैसे एक हाथी के प्रति कुत्तों की गलत धारणा बन जाती है तो हाथी कभी भी कुत्तों को डराता- धमकाता नहीं बल्कि कुत्ते ही भौंक भौक कर उसे डराने का प्रयास करते है
ठीक उसी प्रकार उल्लू चाहे कितनी ही निंदा सूर्य की करे लेकिन कभी भी सूर्य उगना नहीं छोड़ता और जग को प्रकाश देना नहीं भूलता !
उसी प्रकार हे भव्य जीव आप भी अपना कभी अच्छा स्वाभाव मत बदलना !
श्रेणिक जैन.........
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
मेरे विचार से इंसान का अपना अच्छा आचरण और अपने अच्छे काम जो उसे अच्छे लक्ष्य की तरफ बढ़ाते है उन्हें किसी के भी कहने से अपने उस स्वाभाव को नहीं छोडना चाहिए, हो सकता है इस कार्य में लोगो की गलत धारणा बन जाये लेकिन फिर भी आपको अपना सद्-विचार कभी भी नहीं त्यागना चाहिए !
जैसे एक हाथी के प्रति कुत्तों की गलत धारणा बन जाती है तो हाथी कभी भी कुत्तों को डराता- धमकाता नहीं बल्कि कुत्ते ही भौंक भौक कर उसे डराने का प्रयास करते है
ठीक उसी प्रकार उल्लू चाहे कितनी ही निंदा सूर्य की करे लेकिन कभी भी सूर्य उगना नहीं छोड़ता और जग को प्रकाश देना नहीं भूलता !
उसी प्रकार हे भव्य जीव आप भी अपना कभी अच्छा स्वाभाव मत बदलना !
श्रेणिक जैन.........
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
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