Friday 6 April 2012

सबसे विनती

विचार :-
मेरी आप सभी से एक विनती है की चाहे वो जैन हो हिंदू हो या कुछ और मेरी आप सबसे सिर्फ एक ही विनती है की अगर आप हम हिंदुस्तानियों को जोड़ नहीं सकते तो कम से कम इन पंथो और धर्मों के नाम पर मार काट तो मत मचाओ !
जब सब धर्म एक ही शिक्षा देते है अहिंसा, सत्य आदि सिदान्त ही सबके मूल मंत्र है तो फिर क्यों इन जातिवाद और धर्मवाद के चक्कर में पड़ रहे है हम लोग......आखिर क्यों ??
जय जिनेन्द्र
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा 

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