Sunday 8 April 2012

धन या लक्ष्मी की चंचलता

विचार :-
मैंने बहुत से अमीर लोगो को देखा की वो हमेसा निश्चित होते है और समझने लगते है की उन पर तो कुबेर ( चिरपरिचित कथा के अनुसार  धन और वैभव के देव ) या लक्ष्मी ( चिरपरिचित कथा के अनुसार धन और वैभव की देवी ) तो उन पर महरबान है और अब उन पर तो कभी मुसीबत आ ही नहीं सकती लेकिन मेरे विचार से ये नजरिया गलत है !
क्योकि मेरे विचार से तो बुरे कर्मो का उदय कभी भी हो सकता है और जैसे ही कर्मो के उदय होता है अच्छे से अच्छा इंसान रास्ते पर आ जाता है क्योकि लक्ष्मी स्वभाव से ही चंचल होती है आज यहाँ तो कल वहाँ होती है !
इसीलिए नजरिया बदले और प्रभु का नाम हमेसा याद रखे क्युकी प्रभु के नाम में ही शक्ति का वास होता है और आपको बिना मागे ही सब अपने आप ही मिल जाता है !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

No comments:

Post a Comment