Tuesday 3 April 2012

त्यागी पर टिप्पणी

विचार :-
मैंने बहुत से लोगो को कहते हुवे सुना की वो पता नहीं क्यों साधू, महात्मा, संत पुरुषों आदि पर टिप्पणी करते रहते है कुछ कहते है "साधू को सिर्फ एक वक्त खाना खाना चाहिए या साधू को मोबाइल नहीं रखना चाहिए ये कुछ कहते है साधू आज कल पार्टी आदि में जाने लगे है " मेरे उन लोगो से कुछ प्रशन है :-
१. क्या साधू आपके घर आके आपसे अनुरोध कर रहे थे की आप हमारे पास आइये ! आप जब भी जाते है अपनी श्रद्धा से जाते है तो फिर उनके बारे में इतनी शिकायत क्यों ?
२. सबसे आपके बारे में कहते है की आप मोबाइल रखते है या नहीं, या आपसे कहते है की आप मत रखा कीजिये !
या
३. मै आपसे पूछना चाहता हू वो आपसे आके कह रहे है की आप अपने यहाँ मुझे आहार करवाइए या कह रहे है की मै २ टाइम खाता हू और दोनों टाइम आपके यहाँ ही खाना खाउगा !
एक बात हमेसा समझ लीजिए आप उनकी बुराई करके उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते है बल्कि अपना बहुत कुछ बिगाड़ रहे है अपने कर्मो का संचय ( कर्मो को बढ़ाना ) करके !

श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा 

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