Sunday 15 April 2012

मुक्तक (13)

मुक्तक (13)
जीवन में कभी श्रद्धा का फूल खिला नहीं पाए ,
जीवन में कभी ज्ञान का दीप जला नहीं पाए !
भटकते  ही  रहे  असार  संसार  में  मेरे  बंधू ,
"महावीर" ज्ञान ज्योति से ज्योति मिला नहीं पाए !!

श्रेणिक जैन

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