Sunday 22 April 2012

न्यायप्रियता और क्रोध - मुंशी प्रेमचंद

विचार :-
मुंशी प्रेमचंद की चंद पंक्तियाँ मुझे बेहद पसंद है ! प्रेमचंद जी के अनुसार -"न्यायप्रिय स्वभाव के लोगो के लिए क्रोध एक चेतावनी होता है, जिससे उन्हें अपने कथन और आचार की अच्छाई और बुराई को जाँचने और आगे के लिए सावधान हो जाने का मौका मिलता है ! इस कड़वी दवा से अक्सर अनुभव को शक्ति, दृष्टि को व्यापकता और चिंतन को सजगता प्राप्त होती है !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा सबसे क्षमा सबको क्षमा
ओम् नमः पाप क्षय पुण्य जमा 

No comments:

Post a Comment