विचार :-.
भ्रष्टाचार होता वहाँ, भ्रस्टाचारी होते जहाँ
जहाँ होंगे भ्रष्टाचारी वहाँ भ्रष्टाचार तो होगा ही, ज़ाहिर से बात है
गर न होंगे भ्रष्टाचारी, तो कैसे होगा भ्रष्टाचार, सीधी सी बात है
कभी नहीं हुआ, वैसा अब हो रहा घोर भ्रष्टाचार, शर्म के बात है
भ्रष्टाचारीयों की हाथों चली गई है ताकत, बड़े दुर्भाग्य की बात है
भ्रष्टाचारी बड़े अत्याचारी, लूटपाट करना ही उनकी अपनी आदत है
रोने चिल्लाने से नहीं मिटनेवाला सब अत्याचार, पुरानी कहावत है
जनता के हाँथ असली शक्ति इनको मिटने की, प्रजातंत्र की बात है
नहीं सुनना भ्रष्टों की चिकनी चुपड़ी बाते, यह महा ज्ञान की बात है
सबको मारे काटे जान से, क्या हमारी यही माँ भारती को सौगात है !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
भ्रष्टाचार होता वहाँ, भ्रस्टाचारी होते जहाँ
जहाँ होंगे भ्रष्टाचारी वहाँ भ्रष्टाचार तो होगा ही, ज़ाहिर से बात है
गर न होंगे भ्रष्टाचारी, तो कैसे होगा भ्रष्टाचार, सीधी सी बात है
कभी नहीं हुआ, वैसा अब हो रहा घोर भ्रष्टाचार, शर्म के बात है
भ्रष्टाचारीयों की हाथों चली गई है ताकत, बड़े दुर्भाग्य की बात है
भ्रष्टाचारी बड़े अत्याचारी, लूटपाट करना ही उनकी अपनी आदत है
रोने चिल्लाने से नहीं मिटनेवाला सब अत्याचार, पुरानी कहावत है
जनता के हाँथ असली शक्ति इनको मिटने की, प्रजातंत्र की बात है
नहीं सुनना भ्रष्टों की चिकनी चुपड़ी बाते, यह महा ज्ञान की बात है
सबको मारे काटे जान से, क्या हमारी यही माँ भारती को सौगात है !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
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