विचार :-
आज मै आपको विवेक और उसकी महत्ता के बारे में बताना चाहता हू......
विवेक का अर्थ मेरे विचार से होता है पूर्ण जागरूकता ! अच्छा क्या है और बुरा क्या है किसे ग्रहण करना और किसे नहीं इसका पूर्ण ज्ञान करना ही विवेक है ! विवेक जीवन की संजीवनी बूटी है ! जीवन की हर एक प्रवर्ति अर्थात खाने में, पीने में, बोलने में, चलने में, सोने में, उठने-बैठने में जो विवेक बुद्धि रखता है, सजग रहता है, वह अपना जीवन धन्य कर लेता है ! विवेक धर्म का मूल है ! हर कार्य विवेक से ही करना चाहिए !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
आज मै आपको विवेक और उसकी महत्ता के बारे में बताना चाहता हू......
विवेक का अर्थ मेरे विचार से होता है पूर्ण जागरूकता ! अच्छा क्या है और बुरा क्या है किसे ग्रहण करना और किसे नहीं इसका पूर्ण ज्ञान करना ही विवेक है ! विवेक जीवन की संजीवनी बूटी है ! जीवन की हर एक प्रवर्ति अर्थात खाने में, पीने में, बोलने में, चलने में, सोने में, उठने-बैठने में जो विवेक बुद्धि रखता है, सजग रहता है, वह अपना जीवन धन्य कर लेता है ! विवेक धर्म का मूल है ! हर कार्य विवेक से ही करना चाहिए !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
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