मुक्तक (14) :-
मत ढूढ़ सहारे दिल सहारे टूट जाते है,
जोश लहरों का आता है तो किनारे टूट जाते है !
करो संकल्प चारित्र का तो निश्चय है,
की रिश्ते नाते सभी टूट जाते है !!
मत ढूढ़ सहारे दिल सहारे टूट जाते है,
जोश लहरों का आता है तो किनारे टूट जाते है !
करो संकल्प चारित्र का तो निश्चय है,
की रिश्ते नाते सभी टूट जाते है !!
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