विचार :-
मेरे विचारों से हमे कभी भी अपने पापों को छिपाना नहीं चाहिए, जो आपने किया है उसे अपने दिल से स्वीकार करे, अगर मुझसे पूछो तो मेरा मानना है की पाप अगर किया है तो उसे दिल से मान लेने पर ही हमारे पाप का कुछ भाग तो अपने आप धुल जाता है !
पाप को प्रकट करो और उसका प्रायश्चित करो जिससे उस पाप का बोझ कुछ कम हो सके, अरे ये तो सोचो ना की दूसरों से तो एक बार को तुम छुपा सकते हो लेकिन क्या कभी खुद से छुपा सकते हो .......?? कभी नहीं......!!!!
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
मेरे विचारों से हमे कभी भी अपने पापों को छिपाना नहीं चाहिए, जो आपने किया है उसे अपने दिल से स्वीकार करे, अगर मुझसे पूछो तो मेरा मानना है की पाप अगर किया है तो उसे दिल से मान लेने पर ही हमारे पाप का कुछ भाग तो अपने आप धुल जाता है !
पाप को प्रकट करो और उसका प्रायश्चित करो जिससे उस पाप का बोझ कुछ कम हो सके, अरे ये तो सोचो ना की दूसरों से तो एक बार को तुम छुपा सकते हो लेकिन क्या कभी खुद से छुपा सकते हो .......?? कभी नहीं......!!!!
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
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