मुक्तक (13)
जीवन में कभी श्रद्धा का फूल खिला नहीं पाए ,
जीवन में कभी ज्ञान का दीप जला नहीं पाए !
भटकते ही रहे असार संसार में मेरे बंधू ,
"महावीर" ज्ञान ज्योति से ज्योति मिला नहीं पाए !!
श्रेणिक जैन
जीवन में कभी श्रद्धा का फूल खिला नहीं पाए ,
जीवन में कभी ज्ञान का दीप जला नहीं पाए !
भटकते ही रहे असार संसार में मेरे बंधू ,
"महावीर" ज्ञान ज्योति से ज्योति मिला नहीं पाए !!
श्रेणिक जैन
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