Friday 18 May 2012

सहनशक्ति

विचार :-
आज जब मैंने अखबार पढ़ा तो जैसे मेरे पैर के नीचे से जमीन ही खिसक गयी ! मैंने एक खबर पढ़ी की Overtake ( वाहन चलते वक्त गति बढ़ा कर अपने से आगे के वाहन को पीछे छोडना ) करने वाले को गोलियों से भूना गया !
मुझे ये समझ नहीं आया की मै किस प्रकार प्रतिक्रिया दू क्योकि मै यह सोचने लगा था की क्या हो गया है हमारे देश वालो को, क्यों हमारी सहनशक्ति इस तरह से जवाब देने लगी है की हम अब Overtake करने जैसे छोटे से कार्य को भी सामान्य दृष्टि से नहीं देख पा रहे है और उस पर इतना गुस्सा प्रकट कर रहे है की सामने वाले को मौत के घाट तक उतार दिया जाता है !
श्रेणिक आपसे सिर्फ इतना पूछना चाहता है की कहाँ  गया वो विश्वगुरु कहलाने वाला हमारा भारत जिसने सहनशीलता कूट कूट के भरी होती थी ! ज़रा विचार कीजिये क्या यही हम अपने आने वाली पीढ़ी को सिखाने वाले है और क्या असर हो रहा होगा जब वो इस तरह की चीजे अखबारों में पढते होते...............!!!!!!!!!

श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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