Saturday 12 May 2012

मैं खुद मेरे सुख दुःख का कारण

विचार :-
कितना सुन्दर कहा है ना भगवान महावीर ने और कितने आसान शब्दों में समझाया की कैसे मैं खुद अपने सुख दुःख का कारण हू मै आपको समझता हू की उन्होंने कोन सी वो चार बातें कही जिनसे ये साफ़ हो जाता है की मैं खुद अपने दुःख सुख का कारण हू :-
वो कहते थे :-
१. मैं किसी को दुखी करने में समर्थ नहीं हू !
२. मै किसी को सुखी करने में समर्थ नहीं हू !
३. कोई मुझे दुखी नहीं कर सकता है !
४. कोई मुझे सुख नहीं दे सकता है !

अगर हम इन चारों बातों को मिलाकर देखे तो हमे सिर्फ एक बात पता चलेगी
की मैं खुद अपने सुख और दुःख का कारण हू...........!!!!!!!!

श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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