विचार :-
मेरे विचार से हमे हर समय एक जैसा ही रहना चाहिए मतलब हम जिस भी परिस्थिति में हो हम चाहे उन परिस्थितियों के अनुसार अपना रहन सहन बदल ले लेकिन कभी भी हमें अपनी वाणी की मर्दुलता अर्थात मिठास नहीं खोनी चाहिए !
जिस प्रकार एक दीपक का स्वाभाव हमेसा सबको रोशनी देना होता है चाहे वो राजा के ताजमहल में रहे या गरीब की कुटिया में लेकिन वो हमेसा रोशनी ही देगा और अन्धकार को खत्म ही करेगा !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा !
मेरे विचार से हमे हर समय एक जैसा ही रहना चाहिए मतलब हम जिस भी परिस्थिति में हो हम चाहे उन परिस्थितियों के अनुसार अपना रहन सहन बदल ले लेकिन कभी भी हमें अपनी वाणी की मर्दुलता अर्थात मिठास नहीं खोनी चाहिए !
जिस प्रकार एक दीपक का स्वाभाव हमेसा सबको रोशनी देना होता है चाहे वो राजा के ताजमहल में रहे या गरीब की कुटिया में लेकिन वो हमेसा रोशनी ही देगा और अन्धकार को खत्म ही करेगा !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा !
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