सुविचार :-
मेरे विचार से इंसान को जिंदगी के पथ पर हमेसा अकेले बढ़ना चाहिए, और अगर हमेसा भी ना बढ़ पाए जो अकेला चलने का प्रयास हमेसा करते रहना चाहिए क्योकि इंसान अकेले रहते हुवे ही वो कठिनाइयों से अच्छे से लड़ने का तरीका सीख सकता है !
मेरा मानना है की जब तक वो दूसरों के साथ चलता रहेगा या तो वो किसी की मदद का आदि हो जायेगा या अपने कार्य भी दूसरे से कराने लगेगा !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा सबसे क्षमा सबको क्षमा
पाप क्षय पुण्य जमा
मेरे विचार से इंसान को जिंदगी के पथ पर हमेसा अकेले बढ़ना चाहिए, और अगर हमेसा भी ना बढ़ पाए जो अकेला चलने का प्रयास हमेसा करते रहना चाहिए क्योकि इंसान अकेले रहते हुवे ही वो कठिनाइयों से अच्छे से लड़ने का तरीका सीख सकता है !
मेरा मानना है की जब तक वो दूसरों के साथ चलता रहेगा या तो वो किसी की मदद का आदि हो जायेगा या अपने कार्य भी दूसरे से कराने लगेगा !
श्रेणिक जैन
उत्तम क्षमा सबसे क्षमा सबको क्षमा
पाप क्षय पुण्य जमा
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