विचार :-
वो भी एक जीव है, उसके भी अरमान होते है, वो भी बीमार होता है, वो भी दुःख सुख समझता है, महसूस करता है, तुझमे और उसमे फर्क बस इतना है की तू उसकी भाषा नहीं समझता !
मनुष्य... भगवान् की सर्वोत्तम रचना होने का दावा करता है और काम ऐसे..... छि छि छि .............शेयर करे.. एक पोस्ट समाज के उन बेजुबान जानवरों के नाम
वो भी एक जीव है, उसके भी अरमान होते है, वो भी बीमार होता है, वो भी दुःख सुख समझता है, महसूस करता है, तुझमे और उसमे फर्क बस इतना है की तू उसकी भाषा नहीं समझता !
मनुष्य... भगवान् की सर्वोत्तम रचना होने का दावा करता है और काम ऐसे..... छि छि छि .............शेयर करे.. एक पोस्ट समाज के उन बेजुबान जानवरों के नाम
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