Thursday 12 July 2012

गुस्सा एक दुश्मन


विचार :-
कुछ लोग कहते है की कभी गुस्सा भी सही है...........लेकिन क्यों उनकी ये मनोदशा हो गयी है ? क्युकी या तो उन्हें गुस्से की आदत हो गयी है या फिर उन्हें गुस्सा को सहना आ गया है !
लेकिन मेरे विचार से कभी भी गुस्से का परिणाम सही नहीं हो सकता है हो सकता है कुछ अवधि के लिए गुस्से का परिणाम अच्छा लगे लेकिन ये लम्बे समय में हमेसा घातक ही परिणाम देगा ! मेरा कहना तो हमेसा यहाँ तक होता है की अगर एक इंसान में गुस्सा है तो उसे फिर किसी भी दुश्मन की क्या आवश्यकता रह जायेगी !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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