Saturday 7 July 2012

सामूहिक भजन और भोजन

विचार :-
आज कल बहुत से लोगो का कितनी भी कहते देखा है की समय नहीं है एवं  घर परिवार और समाज में शांति नहीं है जहा देखो कलह ही कलह है पर मुझे ऐसा लगता है शायद हमारे समय की कमी का ये बहाना ही घर परिवार की शान्ति का दुश्मन बन रहा है !
जहाँ तक मेरा विचार है समाज में अगर हम शान्ति चाहते है जो हम मिल जुल कर और संगठित होकर एक साथ सामूहिक भजन करने चाहिए और घर में प्रेम रखना हो तो हमे परिवार के साथ भी मिल जुल कर सामूहिक भोजन करना चाहिए ! ऐसा नहीं की इससे पूरी तरह कलह को मिटाया जा सकता है परन्तु क्या हम एक छोटी से पहल भी नहीं कर सकते !

श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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