विचार :-
मुझे ऐसा लगता है की पैसा किसी को बुरा नहीं लगता और लगे भी क्यों ?
आखिर घर आते हुवे पैसा को कौन मना करता है और ये बात कुछ हद्द तक सही भी है !
ये सही है की घर आते हुए पैसे को कोई मना नहीं करता और अगर वह पैसा अच्छा हो तो मना करना भी नहीं चाहिए ! (अच्छे पैसे से मेरा मतलब अच्छे कार्य करते और मन में शुद्धि और किसी का अहित ना करने की इच्छा से आने वाला पैसा )
लेकिन में सिर्फ इतना कहना चाहता हू की अनुचित पैसा या लाभ जब भी होता है तब तो बहुत सुहावना लगता है लेकिन इतना याद रखना वह कभी आपके पास ज्यादा समय तक टिका नहीं रह सकता और जब जाता है तो हमेसा अपने पीछे असीम त्रास के साथ अपने बुरे होने का अहसास भी छोड जाता है !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा......
मुझे ऐसा लगता है की पैसा किसी को बुरा नहीं लगता और लगे भी क्यों ?
आखिर घर आते हुवे पैसा को कौन मना करता है और ये बात कुछ हद्द तक सही भी है !
ये सही है की घर आते हुए पैसे को कोई मना नहीं करता और अगर वह पैसा अच्छा हो तो मना करना भी नहीं चाहिए ! (अच्छे पैसे से मेरा मतलब अच्छे कार्य करते और मन में शुद्धि और किसी का अहित ना करने की इच्छा से आने वाला पैसा )
लेकिन में सिर्फ इतना कहना चाहता हू की अनुचित पैसा या लाभ जब भी होता है तब तो बहुत सुहावना लगता है लेकिन इतना याद रखना वह कभी आपके पास ज्यादा समय तक टिका नहीं रह सकता और जब जाता है तो हमेसा अपने पीछे असीम त्रास के साथ अपने बुरे होने का अहसास भी छोड जाता है !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा......
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