विचार :-
मेरे विचार से सफलता और असफलता जीवन का अभिन्न अंग है आप कभी सफलता को प्राप्त करते है और कभी असफलता को ! और ये जीवन में चलता ही रहेगा अगर आप कुछ काम करेगे तो आपको उसमे सफलता या असफलता मिलना स्वाभाविक ही है !
लेकिन श्रेणिक जैन आपसे सिर्फ ये कहना चाहता है की सफलता मिले तब तो ठीक ही होता है लेकिन जब आपको असफलता मिले तो उसको कही पीछे छोड देना चाहिए लेकिन उससे मिले अनुभव को कभी नहीं त्यागना चाहिए क्योकि यही अनुभव आपको जीवन भर तक काम आएगा और आपको असफलता के पथ पर जाने से रोकेगा !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
मेरे विचार से सफलता और असफलता जीवन का अभिन्न अंग है आप कभी सफलता को प्राप्त करते है और कभी असफलता को ! और ये जीवन में चलता ही रहेगा अगर आप कुछ काम करेगे तो आपको उसमे सफलता या असफलता मिलना स्वाभाविक ही है !
लेकिन श्रेणिक जैन आपसे सिर्फ ये कहना चाहता है की सफलता मिले तब तो ठीक ही होता है लेकिन जब आपको असफलता मिले तो उसको कही पीछे छोड देना चाहिए लेकिन उससे मिले अनुभव को कभी नहीं त्यागना चाहिए क्योकि यही अनुभव आपको जीवन भर तक काम आएगा और आपको असफलता के पथ पर जाने से रोकेगा !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
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