Saturday 9 June 2012

चाहत इंसान की या यु कहे मेरी

विचार :-


एक सपना चाहिए पूरा करने को ..!!
एक आसमा चाहिए उड़ान भरने को..
एक आसरा चाहिए सर रख सोने को..
एक दोस्त चाहिए हँसने और हँसाने को ..
एक ममता चाहिए दर्द कंधो पर उठाने को..
एक मंजिल चाहिए किसी अपने के लिए हार जाने को ..
एक रौशनी चाहिए जिंदगी का अन्धकार भागने को..
एक विश्वास चाहिए सबसे रिश्ते निभाने को ..
एक इंसान चाहिए जिंदगी से इंसानियत निभाने को..
एक मायूसी चाहिए मंद मंद मुस्कुराने को..
एक धुन चाहिए अकेले में गुनगुनाने को..
एक महक चाहिए वास्तव में भिनभिनाने को..
एक मौत चाहिए सब कुछ भुलाने को..


श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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