विचार :-
सबसे पहले तो मैं आप सब से माफ़ी मागना चाहता हु की मैं इतने दिन नहीं लिख पाया और जिन जिन लोगो ने इसकी शिकायत की उनसे भी दिल से माफ़ी मागना चाहता हु !
अब आज का विचार :-
सब लोगो के लक्ष्मी रूपी माया या यु कहे धन के बारे में अलग अलग विचार होते है कुछ लोग कहते है मेहनत से मिलती है कुछ कहते है बुद्धि या शाश्त्र ज्ञान से मिलती है लेकिन मेरा कहना इन सब से अलग है मेरा मानना है की यदि धन मेहनत से मिलता तो मजदूर या रिक्शे वाला सबसे अमीर होता और अगर बुद्धि या शाश्त्र ज्ञान से मिलता तो पंडित सबसे अमीर होता लेकिन ऐसा नहीं है !
श्रेणिक जैन का तो बस इतना ही कहना है की जिन्दगी की कुछ महत्वपूर्ण चीज़े जैसे संतान, सम्पति या सफलता आदि सब सिर्फ पुण्य से ही प्राप्त हो सकते है ! इसीलिए आप दिन में ज्यादा ना सही तो कम से कम 2 पुण्य के कार्य तो अवश्य करे क्योकि ना होने से कुछ कुछ शुरुवात होना आवश्यक है जिससे हमारा इहलोक और परलोक दोनों सुधर सके !
श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा
No comments:
Post a Comment