Sunday, 22 July 2012

सुविधाए और हमारी आदत

विचार :-
आज जितना सुविधाए हो गयी है उतने ही लोग उसके आदि होते जा रहे है पता नहीं कब कैसी सुविधा निकल जाए लेकिन दुःख तो इस बात का है की लोग धर्म के कार्य में भी हर तरह की सुविधा लेने की कोशिश करने लगे है !
क्या आपको लगता है की इन सब से हमे पुन्य मिलेगा ............???????
नहीं............
श्रेणिक जैन का कहना है की सुविधाओ का एक हद्द तक इस्तेमाल अच्छा है क्या कभी ऐसा वक्त भी आ जायेगा की हम घर बैठे कहे भगवान का अभिषेक करना है और हम घर बैठे मोबाइल पर बोलेगे स्वाह
और मंदिर जी में पुजारी भगवन पर जल से अभिषेक कर देगा आप खुद ही सोचे की आज का समय देख के ये कितनी दूर है !

श्रेणिक जैन
जय जिनेन्द्र देव की
ओम् नमः सबसे क्षमा सबको क्षमा
उत्तम क्षमा पाप क्षय पुण्य जमा

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